संस्था का नाम: हरियाणा राजपूत प्रतिनिधि सभा
संस्था का कार्यालय: राजपूत धर्मशाला, अग्रसेन चौक ,भिवानी ,हरियाणा
संस्था का कार्यक्षेत्र: सम्पूर्ण हरियाणा
शिविर कार्यालय :ओम भवन, कंपनी बाग, रेवाडी ,123401
संस्था का वित्तीय वर्ष: पहली अप्रैल से 31 मार्च
संस्था का उद्देश्य: संस्था का मूल उद्देश्य राजपूत समाज का सामाजिक, आर्थिक, नैतिक या बौद्धिक विकास करना होगा! उपर्युक्त मूल उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
1)राजपूत समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करना
2)शिक्षा का प्रचार तथा प्रसार करना या विशेष रूप से अर्थिक रूप से कामजोर या होनहार छात्र या छत्रोआ की वित्तीय सहायता या मार्गदर्शन करना|शैक्षिक संस्था को स्थापित करना या प्रबंधन करना
3)राजपूत समाज में आपके भाई चारे की भावना से वादों का समापन करना और आपसे सद्भावना कायम करना
4)युद्ध में शहीद सैनिकों, वीरता के लिए अलंकृत सैनिकों, युद्ध में आहत हुए विकलांग, युद्ध विधवाओं या उनके आश्रितों को सम्मान देना या अन्य सहायता करना |
5)राष्ट्रीय महापुरुषों के कार्यक्रम को जन जन तक पहुंचाना हेतु उत्सव पर्व वैजयंती आदि का आयोजन करना,महापुरुषों वी शहीद सैनिको की प्रतिमाओं का प्रमुख स्थल पर स्थापना करना अल्पविराम शहीद सैनिको आदि के नाम पर प्रमुख सदकोन मार्ग पर व्यापार को आदि का नामकरण करना।
6)राजपूत समाज के इतिहास का संग्रह एवीएन प्रकाशन करना तथा सही-सही जानकारी देना देना हेतु उपयुक्त मासिक पत्रिका आदि के संस्कार प्रकाशित करना,तथा सही-सही जानकारी देना देना हेतु उपयुक्त मासिक पत्रिका आदि के संस्कार प्रकाशित करना,क्रय,विक्रय या रहन आदि के लिए इकरार करना पुस्तकालय स्थापना, सामुदायिक भवन, निर्माण धर्मशाला, एवं छात्रावास निर्माण करना पत्र पत्रिका प्रकाशन सांस्कृतिक कार्यक्रम खेलकुद प्रतियोगिता का आयोजन करना भी शामिल है
नियम और शर्तें :
1)संस्था के संपदा तथा आए संस्था के हित के लिए खर्च होगी ,किसी को भी कोई राशि बोनस या लाभांश के रूप में नहीं दी जाएगी
2)सभी पदाधिकारी सदास्य संस्था के लिए बिना प्रति कार्य करेंगे|
3)यदि संस्था को कोई लाभ या आमदनी होगी वह राशि संस्था के हित के लिए खर्च की जाएगी |
4)किसी कारणवश संस्था के बंद होने की स्थिति में संस्था को संपत्ति की लेन दी गई या देने का कोई व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नहीं होगा | परंतु ऐसी स्थिति में वही विचार धारा वाली पंजीक्रत संस्था को सौंप दिया जाएगा
5)संस्था का कोष निमन प्रकार से संचित होगा
1. चंदा 2.शुल्क 3.अनुदान
1. उक्त प्रकार से संचित राशि किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित जमा की जाएगी
अध्यक्ष महासचिव कोषाध्यक्ष में से दो पदाधिकारियो के संयुक्त हस्ताक्षरों से बैंक से लेन-देन संभव होगा जिसमें कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर अनिवर्य होंगे आईएसआई तराह प्रदेश एवीएन जिला स्टार पर वित्त कार्य चलाया जाएगा
संस्था को प्राप्त धन राशियों का कोषों में वितरण- जिला स्तर पर सदस्यता शुल्क या अन्य प्रकार से प्राप्त धन राशि का 25% प्रदेश संगठन वी 75% जिला इकाई के पास रहेगा